चंडीगढ़ का रॉक गार्डन

 चंडीगढ़ का रॉक गार्डन एक अद्वितीय मूर्तिकला उद्यान है, जिसे नेक चंद सैनी ने औद्योगिक और घरेलू कचरे तथा फेंकी हुई वस्तुओं से बनाया है। यह उनकी रचनात्मकता और पुनर्चक्रण के प्रति उनके समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण है।



रॉक गार्डन के बारे में मुख्य जानकारी:

  • निर्माता: इसका निर्माण नेक चंद सैनी ने किया था, जो एक स्वयं-सिखाए कलाकार और पूर्व सरकारी अधिकारी थे। उन्होंने 1957 में अपने खाली समय में चुपचाप इस बगीचे का निर्माण शुरू किया।
  • विशेषताएं:
    • कचरे से बनी मूर्तियां: यह बगीचा रचनात्मकता और पुनर्चक्रण का एक प्रमाण है, जिसमें टूटी चूड़ियों, टाइलों, चीनी मिट्टी के बर्तनों, कांच, बिजली के कचरे और अन्य फेंके गए सामान से बनी हजारों मानव, पशु और अमूर्त डिजाइन की मूर्तियां शामिल हैं।


    • अद्वितीय डिजाइन: यह 40 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे तीन चरणों में बांटा गया है, जिसमें आपस में जुड़े रास्ते, आंगन, घाटियां, मानव निर्मित झरने और एक ओपन-एयर थिएटर हैं। इसका लेआउट "गुम हुए साम्राज्य" की कल्पना पर आधारित है।
    • पर्यावरणीय कला: इसे पर्यावरणीय कला का एक अग्रणी उदाहरण माना जाता है और यह दर्शाता है कि कचरे को कैसे सुंदर कलाकृतियों में बदला जा सकता है।


  • स्थान: रॉक गार्डन सेक्टर 1, चंडीगढ़ में, सुखना झील और कैपिटल कॉम्प्लेक्स के बीच स्थित है, जिससे यहां पहुंचना आसान है।
  • समय:
    • गर्मी (1 अप्रैल से 30 सितंबर): सुबह 9:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक
    • सर्दी (1 अक्टूबर से 31 मार्च): सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • प्रवेश शुल्क:
    • वयस्क: ₹30
    • बच्चे (5-12 वर्ष): ₹10

यहां करने लायक चीजें:

  • अद्वितीय मूर्तियों और कलाकृतियों को देखें और उनकी तस्वीरें लें
  • मानव निर्मित झरनों और शांत तालाबों का आनंद लें।
  • ओपन-एयर थिएटर में सांस्कृतिक प्रदर्शनों और कार्यक्रमों में भाग लें।
  • पुनर्नवीनीकृत सामग्री से मूर्तिकला बनाने पर कार्यशालाओं और प्रदर्शनों में शामिल हों (कभी-कभी आयोजित किए जाते हैं)।
  • बगीचे के भीतर छोटी दुकानों से स्मृति चिन्ह की खरीदारी करें।
  • ऊंट की सवारी या ट्रेन की सवारी और "लाफिंग मिरर डिस्प्ले" का आनंद लें।

यह चंडीगढ़ में एक अवश्य देखने योग्य स्थान है, जो कला, प्रकृति और स्थिरता के एक शक्तिशाली संदेश का मिश्रण प्रदान करता है!

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